वो जो भीड़ भाड़
में
कतराती रहती हैं बोलती हुई आँखों को सुनने से सुनने वाली आँखें तुम मानो न मानो इन दोनों खामोशियों के होंठ बतियाते हैं बहुत आधी आधी रात तक कैसे ???? ओफ्फो.............. मैंने कहा नहीं था क्या ऑनलाइन प्यार कोई बुरा थोड़े ही होता है है न....... .....संयुक्ता |
बिलकुल ... होठ जो नहीं कह पाते उंगलियाँ कह देती हैं खामोशी से ...
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